अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में फिर से शामिल होने का निर्णय लिया है. अमेरिका ने साल 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में परिषद से हटने का फैसला लिया था. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में अमेरिका के फिर से शामिल होने के निर्णय का स्वागत किया है.
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता की तरफ से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि मानवाधिकार से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए मानवाधिकार परिषद विश्व का अग्रणी मंच है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के तौर तरीके और विशेष प्रक्रियाएं, कार्रवाई तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने का बेहद महत्वपूर्ण उपकरण हैं.
तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर
हाल में ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं जो ट्रंप प्रशासन की कठोर आव्रजन नीतियों को पलट देंगे. इन कठोर आव्रजन नीतियों पर बच्चों को उनके परिजनों से अलग करने के आरोप हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि उनके आदेश निष्पक्ष और मानवीय कानूनी आव्रजन प्रणाली सुनिश्चित करेंगे.
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है. यह एजेंसी दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मजबूत करने में शामिल है.
यह एजेंसी मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्थितियों का अवलोकन करती है. इसकी स्थापना के तीन महीने बाद 2006 में परिषद का पहला सत्र हुआ था. एजेंसी सभी विषयगत मानवाधिकार मुद्दों पर चर्चा करने में शामिल होती है. इस परिषद में 47 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राष्ट्र शामिल हैं.
पृष्ठभूमि
डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायल के साथ भेदभाव के कारण संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हटने की घोषणा की थी. इजरायल को किसी अन्य देश के मुकाबले में अब तक की सबसे अधिक संख्या में परिषद के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. इसलिए, ट्रम्प प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी.