केंद्रीय बजट 2021-22 के साथ, वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, भारत के पंद्रहवें वित्त आयोग की अंतिम रिपोर्ट 1 फरवरी, 2021 को संसद में पेश की गई थी. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वित्त आयोग की अंतरिम रिपोर्ट को केंद्रीय बजट 2020-21 के साथ शामिल किया गया था.
वित्त आयोग आमतौर पर पांच साल की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं. हालांकि, प्रमुख विशाल क्षेत्रों जैसेकि, नए मौद्रिक नीति ढांचे, जीएसटी, दिवालियापन कोड और विमुद्रीकरण में अनिश्चितता के कारण 15 वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक वर्ष और अधिक बढ़ाया गया था.
मुख्य विशेषताएं
• 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट अद्वितीय और व्यापक थी, क्योंकि इसमें कई क्षेत्रों जैसे बिजली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और डीबीटी को अपनाने पर राज्यों के लिए प्रदर्शन प्रोत्साहन की सिफारिश की गई थी. इसे रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए धन की व्यवस्था करने की सिफारिश करने के लिए भी कहा गया था.
• 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट को चार भागों में विभाजित किया गया है:
• मुख्य रिपोर्ट वॉल्यूम- I और II में कुल मिलाकर, कुल 117 मुख्य सिफारिशें हैं और वॉल्यूम- III और IV में क्रमशः केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के लिए कई सुधार सुझाए गए हैं.
15 वें वित्त आयोग की सिफारिशें
• 15 वें वित्त आयोग ने विशेष रूप से कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर संसाधनों के पूर्वानुमान और स्थिरता को बनाए रखने के लिए ऊर्ध्वाधर विचलन को 41 प्रतिशत पर बनाए रखने की सिफारिश की है.
• XVFC के आकलन के अनुसार, 5 साल की अवधि के लिए सकल कर राजस्व 135.2 लाख करोड़ होने की उम्मीद है, जिसमें से विभाज्य पूल 103 लाख करोड़ होने का अनुमान है. वर्ष, 2021-26 की अवधि के लिए 41.2 प्रतिशत विभाज्य पूल में सभी राज्यों की कुल हिस्सेदारी 42.2 लाख करोड़ है.
स्थानीय सरकारें
आयोग ने सिफारिश की है कि स्थानीय सरकारों को वर्ष, 2021-26 की अवधि के लिए अनुदान की कुल राशि 4,36,361 करोड़ रुपये है.
स्वास्थ्य
वर्ष, 2021-26 की अवधि में स्वास्थ्य क्षेत्र को दी जाने वाली कुल अनुदान सहायता 1,06,606 करोड़ रुपये है, जो XVFC द्वारा अनुशंसित कुल अनुदान सहायता का 10.3 प्रतिशत है. स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यह अनुदान बिना शर्त होगा.
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 31,755 करोड़ रुपये के शेष अनुदान और क्रिटिकल केयर अस्पतालों के लिए 15,265 करोड़ रुपये की सिफारिश की गई है जिसमें सामान्य राज्यों के लिए 13,367 करोड़ रुपये और NEH राज्यों के लिए 1,898 करोड़ रुपये शामिल हैं.
प्रदर्शन प्रोत्साहन और अनुदान
15 वें वित्त आयोग ने सभी राज्यों को शैक्षिक परिणाम बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष, 2022-23 से वर्ष, 2025-26 तक 4,800 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष 1,200 करोड़ रुपये) का अनुदान प्रदान करने की भी सिफारिश की है. इसने भारत में उच्च शिक्षा के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में व्यावसायिक कोर्सेज के ऑनलाइन शिक्षण और विकास के लिए 6,143 करोड़ रुपये के अनुदान की भी सिफारिश की है.
रक्षा
15 वें वित्त आयोग ने सकल राजस्व प्राप्तियों में संघ और राज्यों के सापेक्ष शेयरों को फिर से व्यवस्थित किया है. यह केंद्र को विशेष धन तंत्र के लिए अलग संसाधन स्थापित करने में सक्षम करेगा जिसकी XVFC ने सिफारिश की है.
आपदा जोखिम प्रबंधन
15 वें वित्त आयोग ने वर्ष, 2021-26 के लिए आपदा प्रबंधन हेतु सभी राज्यों के लिए 1,60,153 करोड़ रुपये का अनुदान जारी करने की सिफारिश की है, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 1,22,601 करोड़ रुपये और राज्यों का शेयर 37,552 करोड़ रुपये है.